Project Baala: जिनके प्रयास ने बदल दी 3 लाख महिलाओं की जिंदगी | Changed Life of 3 Lakhs Womens with Reusable Sanitary Pads | Outlined
प्रोजेक्ट बाला, नाम सुनते ही दिमाग में आया अरे! यह क्या बला है? वैसे महिलायें जो आज भी माहवारी के दौरान किसी गंदे कपड़े का रोजाना प्रयोग करती है उन्हे सही जानकारी के साथ पैड्स भी मुहैया कराती है, तो चलिए जानते है कौन है इसकी Founder, Soumya Dabriwal जिसने बदल दी 3 लाख से अधिक महिलाओं की किस्मत।
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Project Baala educating school students in workshop |
Menstrual health and hygiene के बारे में जानकारी और मदद कर लड़कियों से लेकर महिलाओं को जिंदगी बांटती है Project Baala. महिलाओं के हक को समझाते हुए कॉन्फिडेंस से जीना सिखाती है प्रोजेक्ट बाला।
आप में से कितने लोग Menstrual Cycle या यूं कहे Healthy Period Cycle के बारे में जानते हैं? बेहद कम, क्योंकि हमारे समाज में इन विषयों पर बात करना सही नहीं माना जाता है।
Periods के दौरान होने वाली परेशानियों के साथ साथ प्रोजेक्ट बाला लड़कियों को यह सिखाती है कि Menstruation को लेकर समाज में जो भी टैबूस है, वह गलत है।
मासिक धर्म में परहेज, जैसे कि-
1. माहवारी यानी मेंस्ट्रूअल साइकिल (menstrual cycle) के दौरान अशुद्ध हो जाती है ।
2. महिलाओं को इन सब टॉपिक्स पर खुलकर बात नहीं करनी चाहिए।
3. वैसी लड़कियां जिनका महावारी चल रहा है, उन्हें मंदिरों में नहीं जाना चाहिए ।
अब तक प्रोजेक्ट बाला की ओर से 1100 से अधिक वर्कशॉप कराए जा चुके हैं, जिसके जरिए लड़कियों और औरतों को गांव व शहरों में जाकर menstrual health और इस दौरान hygiene कैसे बनाए रखना है की जानकारी दी।
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Reusable antibacterial sanitary pads by project baala |
प्रोजेक्ट बाला ना सिर्फ इन्हें जानकारी देती हैं इसके अलावा उन्हें reusable antibacterial sanitary pads भी बांटती है। इन sanitary pads / napkin को माहवारी के दौरान उपयोग में लाने के बाद, अच्छे से साफ कर वापस 2 सालों तक इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
प्रोजेक्ट बाला ने आज समाज में मौजूद गलत धारणाओं को तोड़ते हुए काफी सराहनीय प्रयास कर रही है, Outlined इनके प्रयास की सराहना करता है।
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